Thursday, May 31, 2007

Baba Bengali


6 comments:

dhurvirodhi said...

खालिद बाबा अब आपका ही आसरा है, मुझे तो ये सारी की सारी बीमारियां हैं

Pratik Pandey said...

शायद ही कोई आईटी वाला इन दिक़्क़तों से अछूता हो। बाबा की दुकान ख़ूब चलेगी। बाबाजी की जै हो।

Yunus Khan said...

मुझे लगा कि बंबई में मेरा मतलब मुंबई में वो प्रेमिका को मिलवा देने वाले, तकदीर को चमका देने वाले और किस्‍मत को हिला देने वाले बाबा ही होते हैं, अरे वही जिनके पर्चे लोकल ट्रेन में चिपके रहते हैं और रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर बने बाथरूमों में खासतौर पर । पर आज पता चला कि ऐसे ‘काम के’ बाबा भी हैं । जय हो बाबाजी । हम आ रहे हैं आपके पास । जय हो । जय हो । जय हो । अरे बाप तुम संताकिरूज में है और अपुन बोरोवली में । भीडू अपुन पड़ोसी हुआ ना तुमारा । तो फिर अपुन का पिराबलम पहले सुलझाने का ।

Udan Tashtari said...

बाबा जी की जय हो. बाबा कृपा बनाये रखो.

रवि रतलामी said...

बढ़िया :)

वैसे, इन बाबा रतलामी  को भी आजमाएँ!

Unknown said...

sare bolo baba ki.... le lo