वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे
जो इश्क को काम समझते थे
या काम से आशिकी करते थे
हम जीते जी मशरूफ* रहे
कुछ इश्क किया कुछ काम किया
काम इश्क के आड़े आता रहा
और इश्क से काम उलझता रहा
फिर आखिर तंग आकर हमने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया
जो इश्क को काम समझते थे
या काम से आशिकी करते थे
हम जीते जी मशरूफ* रहे
कुछ इश्क किया कुछ काम किया
काम इश्क के आड़े आता रहा
और इश्क से काम उलझता रहा
फिर आखिर तंग आकर हमने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया
ये चाँद भी क्या हसीं सितम ढाता है
बचपन में मामा और जवानी में सनम नजर आता है
ऐ चाँद खूबसूरत !
ऐ आसमां के तारे
तुम मेरे संग जमीं पर थोड़ी सी रात गुजारो
कुछ अपनी तुम कहो
कुछ लो मेरी खबर
हो जाए दोस्ती कट जाए ये सफर
ऐ आसमां के तारे
तुम मेरे संग जमीं पर थोड़ी सी रात गुजारो
कुछ अपनी तुम कहो
कुछ लो मेरी खबर
हो जाए दोस्ती कट जाए ये सफर
आदमी बुलबुला है पानी का
और पानी की बहती सतह पर टूटता भी है डूबता भी है
फिर उभरता है फिर से बहता है
ना समंदर निगल सका इसको , ना तवारीख तोड़ पाई है
वक्त की मौज पर सदा बहता
आदमी बुलबुला है पानी का
और पानी की बहती सतह पर टूटता भी है डूबता भी है
फिर उभरता है फिर से बहता है
ना समंदर निगल सका इसको , ना तवारीख तोड़ पाई है
वक्त की मौज पर सदा बहता
आदमी बुलबुला है पानी का
क्या बतायें कि जां गई कैसे ?
फिर से दोहरायें वो घड़ी कैसे ?
किसने रस्ते में चाँद रखा था
मुझको ठोकर वहाँ लगी कैसे ?
वक्त पे पाँव कब रखा हमने
जिंदगी मुँह के बल गिरी कैसे ?
आँख तो भर गई थी पानी से
तेरी तसवीर जल गई कैसे ?
हम तो अब याद भी नहीं करते
आपको हिचकी लग गई कैसे ?
फिर से दोहरायें वो घड़ी कैसे ?
किसने रस्ते में चाँद रखा था
मुझको ठोकर वहाँ लगी कैसे ?
वक्त पे पाँव कब रखा हमने
जिंदगी मुँह के बल गिरी कैसे ?
आँख तो भर गई थी पानी से
तेरी तसवीर जल गई कैसे ?
हम तो अब याद भी नहीं करते
आपको हिचकी लग गई कैसे ?
तुम इतना जो मुस्करा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
आँखों में नमी हँसी लबों पर
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
आँखों में नमी हँसी लबों पर
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
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