ना गिलाफ, ना लिहाफ
ठंडी हवा भी खिलाफ ससुरी
इतनी सर्दी है किसी का लिहाफ लइ ले
ओ जा पड़ोसी के चूल्हे से आग लइ ले
बीड़ी जलइ ले, जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है...
धुआँ ना निकारी ओ लब से पिया, अह्हा
धुआँ ना निकारी ओ लब से पिया
ये दुनिया बड़ी घाघ है
बीड़ी जलइ ले, जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है...
ना कसूर, ना फतूर
बिना जुलुम के हुजूर
मर गई, हो मर गई,
ऐसे इक दिन दुपहरी बुलाई लियो रे
बाँध घुंघरू कचहरी लगाइ लियो रे
बुलाई लियो रे बुलाई लियो रे
लगाई लियो रे कचहरी
अंगीठी जरई ले, जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है....
ना तो चक्कुओं की धार
ना दराती ना कटार
ऐसा काटे कि दाँत का निशान छोड़ दे
जे कटाई तो कोई भी किसान छोड़ दे
ओ ऐसे जालिम का छोड़ दे मकान छोड़ दे
रे बिल्लो, जालिम का छोड़ दे मकान छोड़ दे
ना बुलाया, ना बताया
मारे नींद से जगाया हाए रे
ऐसा चौंकी की हाथ में नसीब आ गया
वो इलयची खिलई के करीब आ गया
कोयला जलइ ले, जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है
ठंडी हवा भी खिलाफ ससुरी
इतनी सर्दी है किसी का लिहाफ लइ ले
ओ जा पड़ोसी के चूल्हे से आग लइ ले
बीड़ी जलइ ले, जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है...
धुआँ ना निकारी ओ लब से पिया, अह्हा
धुआँ ना निकारी ओ लब से पिया
ये दुनिया बड़ी घाघ है
बीड़ी जलइ ले, जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है...
ना कसूर, ना फतूर
बिना जुलुम के हुजूर
मर गई, हो मर गई,
ऐसे इक दिन दुपहरी बुलाई लियो रे
बाँध घुंघरू कचहरी लगाइ लियो रे
बुलाई लियो रे बुलाई लियो रे
लगाई लियो रे कचहरी
अंगीठी जरई ले, जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है....
ना तो चक्कुओं की धार
ना दराती ना कटार
ऐसा काटे कि दाँत का निशान छोड़ दे
जे कटाई तो कोई भी किसान छोड़ दे
ओ ऐसे जालिम का छोड़ दे मकान छोड़ दे
रे बिल्लो, जालिम का छोड़ दे मकान छोड़ दे
ना बुलाया, ना बताया
मारे नींद से जगाया हाए रे
ऐसा चौंकी की हाथ में नसीब आ गया
वो इलयची खिलई के करीब आ गया
कोयला जलइ ले, जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है
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