जाट करै ना दोस्ती, जाट करै ना प्यार
जो साचा इंसान हो, वो-ए इसका यार ।
चुगलखोर और दुतेड़े दुश्मन इनके खास
चाहे पायां पड़े रहो, कोन्यां आवैं रास
जाट मोहब्बत का भूखा, प्यारा दे सै मार -
जो साचा इंसान हो, वो-ए इसका यार ।
अपनी औरत को भाळै, पीटै बेशक रोझ
पर और कोए कुछ बोल दे, मिटा दे उसका खोज
इसकी नफरत और प्रेम का पावै कोन्या पार -
जो साचा इंसान हो, वो-ए इसका यार ।
मुंह की अपनी काढ दे, जै कोए आवै मदद करण
मरौड़ कसूती सै धिखे, जिब्बै दे दे जान
जी मैं आवै वो-ए करैगा, कोन्यां मानै हार -
जो साचा इंसान हो, वो-ए इसका यार ।
ऊपर तैं जणूं पाथर हो, भीतर जणूं गुलाब
एक मिनट में साळा कह दे, चाहे साहमी हो नवाब !
इसकी माया न्यारी सै, यो लाम्बी करै उडार -
जो साचा इंसान हो, वो-ए इसका यार ।
भेल्ली दे दे, ना दे गंडा, इसका इसा मिजान
रूस ग्या तै रूस ग्या, कोन्यां जा मुंह-काण
भगवानां नै मान ली, कई बै इस तैं हार
जो साचा इंसान हो, वो-ए इसका यार ।
Monday, June 16, 2008
Jaat
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment